धिरवनकला स्कूल की शिक्षिका ने लगाए शहपुरा BEO पर  प्रताड़ना के गंभीर आरोप


डिंडौरी जिले के शहपुरा ब्लॉक स्थित प्राथमिक शाला धिरवनकला की शिक्षिका शीलमा पटेल ने शहपुरा BEO संजय सिंह तोमर, जनशिक्षक संजय साहू और स्कूल प्रभारी आशा बघेले पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। शिक्षिका ने 28 सितंबर को शहपुरा थाना प्रभारी अखलेश दाहिया के नाम लिखित शिकायत सौंपकर कहा कि उपरोक्त तीनों व्यक्ति उनसे बदतमीजी करते हैं, उन्हें अपशब्द कहते हैं और चरित्र पर लांछन लगाते हैं। शीलमा ने यहां तक लिखा कि अगर पुलिस ने उचित कार्यवाही नहीं की तो वह आत्महत्या भी कर सकती हैं शिक्षिका ने शहपुरा थाने में सौंपे शिकायत पत्र में लिखा- 'मैं 07 साल से धिरवनकला स्कूल में कार्यरत हूं।


 


BEO सहित संस्था प्रभारी आशा बघेले और जनशिक्षक मिलकर मुझसे बुरा बर्ताव करते हैं। मेरे लिए 'चरित्रहीन' शब्द का इस्तेमाल करते हैं और जनशिक्षक के जरिए पैसों की मांग करते हैं। पैसे न देने की स्थिति में सीनियर्स से कार्यवाही कराने की धमकी देते हैं। पिछले साल 01 जुलाई को मेरा एक्सीडेंट हो गया था, जिस वजह से मैं 17 दिन बेड रेस्ट पर थी। जब मेडिकल सर्टिफिकेट लेकर स्कूल कंटीन्यू करने पहुंची तो BEO ने मुझे झूठा कहकर नकली सर्टिफिकेट बनवाने का आरोप लगाया। बीते 25 सितंबर को महज 20 मिनट शहपुरा ऑफिस देरी से पहुंचने पर BEO ने व्यक्तिगत टिप्पणियां करते हुए मेरी बेइज्जती की। बार-बार माफी मांगने के बावजूद वह भला-बुरा कहते रहे। मुझे एक घंटे तक जबरन ऑफिस में बिठाए रखा और सैलरी काटने की धमकी दी। मुझे नीचा दिखाने की कोशिश की गई, जिससे मेरे मान-सम्मान को ठेस पहुंचा है। अगर पुलिस मेरी शिकायत के आधार पर उचित दिशा में कार्यवाहीं नहीं की तो में आत्म हत्या कर सकती हु ।


 


 


BEO संजय सिंह तोमर ने बताया- 'मुझसे कछारी के संकुल प्राचार्य सीपी पाठक, जनशिक्षक संजय साहू और स्कूल प्रभारी आशा बघेले ने शिक्षिका के बारे में शिकायत की है। शिक्षिका स्कूल से अब्सेंट रही हैं। मोहल्ला क्लास में काम नहीं किया और बाद में फर्जी दस्तखत कर खुद को प्रेजेंट बता दिया। उनकी लापरवाहियों का रिकॉर्ड उनके अधिकारियों के पास सुरक्षित है।  उनके नाम दो नोटिस भी जारी हुए और उनका पक्ष भी सुना गया। बाद में शिक्षिका ने लिखित अभ्यावेदन देकर अपनी गलतियां भी स्वीकारीं। अभ्यावेदन संतोषजनक न होने की स्थिति में सहायक आयुक्त को शिक्षिका पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव भी भेजा जा रहा है। इसी डर से वह झूठे आरोप लगा रही हैं ताकि कार्यवाही से बच सकें। मैंने कभी भी महिला शिक्षिका के लिए अनैतिक भाषा का प्रयोग नहीं किया। BRC शहपुरा भी शिक्षिका की लापरवाहियों से वाकिफ हैं। पूर्व में भी कई शिकायतें आईं, तब मैंने शिक्षिका को चेतावनी देकर सुधार करने का मौका दिया। कार्यवाही के डर और कुछ स्वार्थी कर्मचारी नेताओं के बहकावे में आकर उन्होंने झूठी शिकायत लिखवाई है। पुलिस से मेरी मांग है कि मामले की निष्पक्ष और गंभीर जांच करा


टिप्पणियाँ