पिथौरागढ़ में चीन सीमा से जोड़ने वाले दो और पुलों की हालत खराब 

नितिन दुबे - संपादक *नर्मदा संदेश*


पिथौरागढ़ः सीमांत जिले में पिछले तीन वर्ष के दौरान तीन पुल गिर चुके हैं । इसके बावजूद पुलों की सुरक्षा के लिए कोई खास पहल प्रशासन के स्तर पर नहीं हो रही है । इतना ही नहीं , थल व भुजगड़ के दोनों पुलों की भी हालत खराब है । यह दोनों पुल चीन सीमा को जाने वाले प्रवेश द्वार के पुल हैं । इन पुलों को नुकसान हुआ तो चीन सीमा से तो कट जाएंगे ।


करीब 60 वर्ष पूर्व बने थल पुल के निचले हिस्से से सीमेंट गिरने लगा है । नटबोल्ट ढीले पड़ रहे हैं । दो वर्ष पूर्व पुल पर अधिक भार क्षमता के वाहनों के गुजरने पर रोक लगाई , लेकिन वाहन क्षमता से अधिक भार लेकर पुल से गुजर रहे हैं । पुल को नुकसान हुआ तो न केवल मुनस्यारी बल्कि डीडीहाट , धारचूला और बेरीनाग तहसीलों का भी संपर्क कट जाएगा ।


जिले के अस्कोट - कर्णप्रयाग मोटर मार्ग पर थल में रामगंगा नदी पर 1962 में बना मोटर पुल वाहनों के चलने पर कांपता है । यही हाल थल से 11 किमी दूर नाचनी में थल मुनस्यारी मार्ग पर भुजगड़ नदी के पुल का है । थल व भुजगड़ के दोनों पुल चीन सीमा को जाने वाले प्रवेश द्वार हैं । इन पुलों को नुकसान हुआ तो चीन सीमा से तो कटेंगे ही थल , मुनस्यारी , डीडीहाट , धारचूला तक का यातायात भी प्रभावित हो जाएगा ।



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