योजनाओं में लाभान्वित होने के लिए पत्रकार होने के साथ-साथ बड़ी पहुंच रखना भी बेहद जरूरी


 


जंप जबलपुर इकाई ने जनसंपर्क जाकर जिम्मेदारों से की चर्चा


रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आयेगा, हंस चुगेगा दाना तिनका कौवा मोती खाएगा इसका जीता जागता उदाहरण पत्रकारों के हितों को लेकर विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाएं है। जानकारों की मानें तो


 इन योजनाओं में लाभान्वित होने के लिए पत्रकार होने के साथ साथ बड़ी पहुंच रखना भी बेहद जरूरी हो गया है। अगर ऐसा नहीं है तो जनसम्पर्क विभाग में आप अपना अस्तित्व तक खो बैठोगे। इन्ही सब बातों को गहरे तौर से जानने और जरूरतमंद पात्रकारों तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से जर्नलिट्स यूनियन ऑफ़ मध्यप्रदेश (जम्प) की जबलपुर यूनिट ने जनसम्पर्क कार्यालय पहुंचकर,जिम्मेदारों से चर्चा की।


मप्र के जनसंपर्क विभाग का मूल कार्य शासन की कल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाना है। इसके लिए जनसंपर्क विभाग अखबारों,टीवी चैनलों और न्यूज़ बेबसाइट को विज्ञापन जारी करता है। होर्डिंग्स लगवाए जाते हैं। मेलों का आयोजन होता है। नुक्कड़ नाटक और दूसरे कई तरह के आयोजन किए जाते हैं। दीवारों पर शासन की योजनाएं पुतवाई जातीं हैं, एवं हर तरह से प्रचार किया जाता है। जो सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाए।इसके साथ साथ सरकार और जनता के बीच समाचारों के माध्यम से सम्पर्क सेतु की भूमिका निभाने वाले पत्रकारों का विशेष ख्याल रखने का काम भी जनसम्पर्क विभाग का ही होता है।


पत्रकार कल्याण के नाम पर करोड़ो का फण्ड खर्च होता है।
पत्रकारों और उनके परिजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करा रही है। सरकार द्वारा सामान्य बीमारियों के लिए 20 हजार रुपये तक और गंभीर बीमारियों के लिए 50 हजार तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। बीते वर्ष प्रदेश में अब तक 422 पत्रकारों को उपचार के लिए 1 करोड़ 31 लाख 54 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी की जा चुकी है।


पत्रकारों के बीमा के लिए 5 करोड़ से अधिक की राशि-
प्रदेश सरकार पत्रकारों का 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा करा रही है। साथ ही 4 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा भी किया जा रहा है। बीते साल 2,874 पत्रकारों का बीमा करवाया गया है। इनमें से 2,310 अधिमान्य और 564 गैर-अधिमान्य पत्रकार हैं।


जिन पत्रकारों का बीमा किया गया है, उसके प्रीमियम राशि का 75 प्रतिशत यानि 5 करोड़ 40 लाख रुपये का वहन सरकार कर रही है। 4 अक्टूबर, 2019 से अब तक 60 पत्रकारों का 24 लाख रुपये के बीमा क्लेम का भुगतान किया जा चुका है। पिछले साल की तुलना में इस साल 615 से अधिक पत्रकारों ने अपना बीमा कराया है।


7 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई सम्मान-निधि-
राज्य सरकार ने सम्मान-निधि की राशि को 7 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है। वर्तमान में 209 वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान-निधि दी जा रही है। सरकार द्वारा राज्य-स्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को लेपटॉप खरीदने करने के लिए 40 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इस वर्ष 17 पत्रकारों को यह राशि प्रदान की गई है।


जम्प जबलपुर ने जिम्मेदारों से मुलाकात की है।
जर्नलिट्स यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश (JUMP)की जिला जबलपुर इकाई ने जनसम्पर्क विभाग पहुंचकर उप संचालक   
अतुल खरे एवं नवीन पदस्थापना पर जबलपुर आये माथन सिंह उइके से मुलाकात की।इस अवसर पर प्रदेश सचिव विलोक पाठक एवं प्रदेश संगठन मंत्री प्रवीण द्विवेदी के साथ जिला अध्यक्ष विकास सोनी(सराफ) ने कोषाध्यक्ष मनीष तिवारी और राहुल रजक के साथ पहुंचकर जनसम्पर्क विभाग द्वारा पत्रकार कल्याण के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं जैसे कि
१.पत्रकारों के लिए आवास गृह आवंटन योजना
२.आवास ऋण ब्याज अनुदान योजना
३.वरिष्ठ और बुजुर्ग पत्रकारों के लिए सम्मान एवं सहयोग राशि।


जर्नलिट्स यूनियन ऑफ मध्यप्रदेश का एकमात्र उद्देश्य यह है कि पत्रकारों के हित में चलाई जा रही तमाम योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर हर पत्रकारों को मिल सके। ध्यान दें कि जानकारी के अभाव के चलते बहुत सी योजनाओं का लाभ निचले स्तर के पत्रकारों तक पहुंच ही नही पाता। और अधिकतर योजनाओं का लाभ सिर्फ और सिर्फ कुछ विशेष लोग ही ले पाते है। जर्नलिट्स यूनियन ऑफ़ मध्यप्रदेश एक सेतु की भांति अपनी भूमिका अदा कर, जहां तक संभव हो सके.जरूरत मंद पत्रकारों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाएगा। और यदि इसके लिए उसे विभाग या किसी संस्थान से आर-पार की भी लड़ाई लड़नी पड़े तो वह पीछे नहीं।



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