हर कोख हर सुहाग हर कलाई पुकार रही है हर बलिदान हर शहादत हर कुर्बानी पुकार रही है आंखों में आंसू दिलों में आक्रोश रंगों में आग दौड़ रही है समूल विनाश करो गद्दार कायरों का भारत माता आज पुकार रही है!
कभी सोते हुए पर कभी पिछे से बार करते हैं खोफ है हमारे वीरों का सामने आने से डरपोक डरते हैं! कुर्सी के खातिर ईमान बेचने वालों राजनीति के तलवे चाटने वालों देश बचाने वाले सीमाओं पर बहुत है तुम चुप रहों अधी सत्ता चलाने वालों!
मंदिर के कपाट अब बंद किजिए बहुत सब्र कर लिया ऐलान कीजिए जंग लग रही है मिसाइलों में पड़े-पड़े एक नहीं सौ सर्जिकल स्ट्राइक किजिए!
उठो मेरे वीर जवानों बदला लो तुम अपने यारों का ऐसी खेलो खून की होली निशान मिटा दो इन चीन और पाकिस्तान के गद्दारों का!
सरहद पार है उनकी बस्ती तुम्हें उस पर भी जाना होगा लाज रखकर वतन की जो किया आज भारत के जवानों पर हमला दुश्मन का शीशा भी लाना होगा
* तेंदूखेड़ा दमोह से विशाल रजक की कलम से-9630278207!*