*प्रशासन की अनदेखी के चलते हरे भरे वृक्षों को काटकर किया जा रहा ईट भट्ठों में उपयोग* ---------------- तेंदूखेड़ा दमोह ------------------------ *जानकारी होने के बाद भी अनजान बैठे अधिकारी दमोह जिले के तेजगढ़ वन परिक्षेत्र का मामला अधिकारी निष्क्रिय* ---------------------------------------- *दमोह जिले में तेजगढ़ वन परिक्षेत्र के चारों ओर वनकर्मियों की मिलीभगत से हरे भरे पेड़ों पर चल रही ईट भट्टों वालों की कुल्हाड़ी* ---------------------------------------- *विशाल रजक तेन्दूखेड़ा/दमोह!* जंगलों में अवैध कटाई रोकने और जंगल को सुरक्षित रखने के नाम पर भले ही वन विभाग के आलाधिकारी शायद तेजगढ़ वन परिक्षेत्र की वास्तविक स्थिति से वाकिफ नहीं है लेकिन अब इसे अधिकारियों कर्मचारियों की निष्क्रियता कहा जाए या वन माफियाओं की सर्तकता जो तेजगढ़ वन परिक्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से अवैध कटाई का सिलसिला जोरों पर चल रहा है लेकिन संबंधित अधिकारी जानकर भी अंजान बने अपने सरकारी बंगले में आराम फरमा रहे हैं क्योंकि वर्तमान स्थिति यह है कि तेजगढ़ वन परिक्षेत्र से प्रतिदिन बड़े पैमाने पर अवैध कटाई की जा रही है वनों की अवैध कटाई रोकने और पर्यावरण संरक्षण के नाम पर वन विभाग द्वारा समय समय पर अभियान चलाने की बात कही जाती है लेकिन वन विभाग के दावों में कितनी हकीकत है इसका हालिया उदाहरण वन परिक्षेत्र तेजगढ़ में देखने को मिल रहा है *तेजगढ़ रेंज के अंतर्गत बीटों में लग रहे अवैध ईट भट्टे खेतों में छिपी मिली जंगल की लकड़ी सीमा के चक्कर में लगा रहे एक दूसरे को आरोप* सोमवार को सुबह तेन्दूखेड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी कृष्ण वर्मा के पास जानकारी आई कि बम्हौरी बीट में अवैध रूप से भट्टे लग रहे हैं जिनमें जंगलों से लाई गई लकड़ी लगाई जा रही है सूचना मिलने के बाद तत्काल वन अमले के साथ वन परिक्षेत्र अधिकारी मौके पर पहुंची और अवैध लकड़ी का पंचनामा बनाया उसी बीच बगदरी वीटगार्ड ने बताया कि ये सीमा तेजगढ़ वन परिक्षेत्र की है जिसके बाद तेजगढ़ वन परिक्षेत्र अधिकारी को मामले की जानकारी दी और कुछ समय बाद तेजगढ़ परिक्षेत्र का स्टाप मौके पर पहुंचा और उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि जिस जगह यह भट्ठे लगे हैं वह तेजगढ़ की सीमा है *ईट भट्टों पर बड़ी मात्रा में मिली जंगल से कटी लकड़ी* सूचना देने वाले ने सबसे पहले जानकारी तेन्दूखेड़ा मीडिया को दी थी बाद में तेन्दूखेड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी मौके पर जब जाकर देखा तो बड़ी मात्रा में अवैध लकड़ी और हरे भरे काटे हुये पेड़ पड़े हुए थे हरदुआ निवासी कृष्ण यादव ने बताया कि जिस जगह भट्टे लगे हैं वहां पर प्रतिवर्ष भट्टे लगाए जाते हैं वनकर्मी द्वारा जंगल को कटवा कर ईट भट्टों के सचालकों से पैसे लिये जाते हैं और जिस जगह भट्टे लगे हैं वह तेजगढ़ वन परिक्षेत्र की सीमा है *तेजगढ़ के वनकर्मियों की मिलीभगत से ईट भट्टों में जा रही है जंगल की लकड़ी* वहीं दूसरी ओर भले ही सरकार जंगलों की रखवाली करने के लिए हर एक वीट में एक वनकर्मी तैनात किए जाते हैं लेकिन वहीं वनकर्मी मूकदर्शक बने हुए हैं इनकी मिलीभगत से कीमती पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलवाई जा रही है लोगों से मिल रही जानकारी के अनुसार तेजगढ़ रेंज में आने वाली वीटों में प्रतिदिन रात के समय में बैलगाड़ी से लकड़ी ढो़ई जा रही है साथ ही कीमती सागौन के पेड़ों की कटाई कराये जाने की खबरें भी आ रही है वहीं विगत महीनों में क्षेत्र भर में दर्जनों ईट भट्टों का कार्य जोरों पर चल रहा है ईट पकाने में सैकड़ों पेड़ों को धराशायी कर ईट पकाने में इस्तमाल किया जा रहा है लकड़ी कटाई का यह सब कार्य वन परिक्षेत्र के वीटों के वीटगार्ड प्रभारियों की मिलीभगत से जोरों पर चल रहा तेजगढ़ रेंज की सीमाओं के आसपास के इलाकों में कई स्थानों पर ईट भट्टे सचालित हो रहे हैं इन भट्टों में जलाने के लिए लोग जंगल से लकड़ी काटकर बैलगाड़ी के माध्यम से रात को ले जाते हैं *पंचनामा बनाया है तेजगढ़ परिक्षेत्र भेजेंगे* सूचना मिलने पर अपने स्टाप के साथ मौके पर पहुंची तेन्दूखेड़ा रेंजर कृष्ण वर्मा ने बताया कि सूचना तेन्दूखेड़ा रेंज की मिली थी लेकिन जिस जगह भट्टे लगे हैं वह तेजगढ़ की सीमा है पंचनामा बनाया गया है तेजगढ़ वन परिक्षेत्र अधिकारी को भेजा जाएगा वहीं जब तेन्दूखेड़ा रेजर ने अपने परिक्षेत्र की सीमा न होने के संबंध में बात कही तो उन्होंने इसकी पूरी जानकारी तेजगढ़ वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी गई उन्होंने तत्काल सर्किल आफिसर राकेश दुबे और वीटगार्ड मुकेश नामदेव के साथ अन्य वनकर्मी भी मौके पर भेजे जिन्होंने ये भी कबूल किया है कि जिस जगह भट्टे लगे हैं वह तेजगढ़ वन परिक्षेत्र की सीमा है और हरदुआ गठरिया वीट है जहां यह भट्ठे सचालित हो रहे हैं बाद में उन्होंने यह भी जानकारी ली की यह भट्टा सचालक कौन है किन्तु किसी को कोई जानकारी नहीं मिली ये जरुर पता चला कि भट्ठे लगवाने पर वनकर्मी भट्टा सचालकों से अवैध बसूली करते हैं *17 अप्रैल को तेजगढ़ रेंज कार्यालय के पास ही मिली थी सागौन की सिल्लियां* वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी बात तो यह भी सामने आ रही है कि तेजगढ़ वन परिक्षेत्र में कुछ दिन पहले ही 17 अप्रैल को तेजगढ़ रेंजर द्वारा बड़ी मात्रा में एक पुलिया के नीचे 68 नग सागौन की सिल्लियां जब्त की थी जो रेज कार्यालया से कुछ ही दूरी पर बनी एक पुलिया से निकाली गई थी जो किसी निर्माण कार्यों के चलते रातों रात जा रही है लेकिन वह अपने स्थान पर पहुंचने के पहले ही वन विभाग की नजर पड़ गई थी और इन सिल्लियों को जब्त करते हुये कार्रवाई की और रेज परिसर में रखवा दी गई लेकिन इन सिल्लियों को लाने वाले एवं पुलिया में रखने वाले का आज तक कोई पता नहीं चला है लेकिन वहीं दूसरी सबसे बड़ी बात तो यह भी है कि जिस स्थान पर बड़ी संख्या में 68 नग सागौन की सिल्लियां मिली है वहां पर ही वन परिक्षेत्र अधिकारी का कार्यालया कुछ ही दूरी पर है लोगों का माना है कि जिस सागौन की सिल्लियों को वन विभाग ने पुलिया से निकाला है उसमें कहीं न कहीं किसी न किसी वनकर्मी और अधिकारी का हाथ होगा *अधिकारी नहीं निकलते अपने बंगले से* तेजगढ़ वन परिक्षेत्र में अवैध कटाई और ईट भट्टों के पीछे सबसे बड़ी बात यह भी है यहां पर पदस्थ अधिकारियों की निष्क्रियता भी जताई जाती हैं सूत्रों के अनुसार तेन्दूखेड़ा एसडीओ और तेजगढ़ रेंजर सहित अन्य अधिकारी फील्ड में घूमने की बजाय ज्यादातर समय अपने बंगले पर व्यतीत करते हैं जिसका पूरा फायदा जंगलों की कटाई करने वाले लोग उठा रहे हैं अगर वर्तमान में तेजगढ़ वन परिक्षेत्र में जितने भी सर्किट वीट है उनकी जांच की जाए तो चौकाने वाली जानकारी सामने आ सकती है सूत्रों के अनुसार क्षेत्र में जितनी भी वीट है जहां एक पेड़ कटाने के बाद ठूंठ को भी निकाल दिया जाता है ताकि इसकी भनक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को न लगे *कभी कभार हो जाती है कार्यवाही* आपको बता दें कि विभागीय अमले द्वारा कभी कभार कार्यवाही करके अपनी पीठ थपथपा ली जाती है जबकि वास्तव में प्रति दिन सैकड़ों वृक्ष बिना अनुमति के क्षेत्र में काटे जा रहे हैं जिन पर अधिकारियों की कभी भी नजर नहीं पहुंची लेकिन इस कटाई के पीछे वीटगार्ड और सर्किल आफिसर का हाथ होता है जो रातों रात जंगलों में कटाई करवा कर हरे भरे पेड़ों की लकड़ी को ईट भट्टों में भेजते हैं और समय आने पर अपनी जेब भरने के लिए भट्टों पर पहुंच जाते हैं लेकिन बसूली करते हैं *इनका कहना* तेजगढ़ रेंज में कटाई और भट्टों के संबंध में कल सूचना मिली थी जिसपर कार्रवाई करने के लिए रेंजर और एसडीओ को बोला था वहीं जिस स्थान पर भट्टा सचालित हो रहे वह राजस्व विभाग में आता है फिर भी देखवा लेते हैं *विपिन पटेल डीएफओ दमोह* सूचना मिली थी जिसपर टीम को भेजा था और कार्रवाई हो चुकी है *अमित चौहान एसडीओ वन मंडल तेन्दूखेड़ा* *इनका कहना* वहीं दूसरी ओर जहां ईट भट्टों का कार्य चल रहा और एक दिन पहले ही तेन्दूखेड़ा रेंजर ने जाकर देखा तो वह तेजगढ़ परिक्षेत्र की सीमा में जहां तेजगढ़ रेंजर आईपी मिश्रा का कहना है कि वह स्थान मेरे रेंज में नहीं आता है वह तेन्दूखेड़ा में आता है लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब मौखिक रूप से ही जहां ईट भट्टा सचालित हो रहा है वहां पर ही तेजगढ़ रेज के कर्मचारियों ने ही कहा था कि यह तेजगढ़ रेंज में आता है लेकिन तेजगढ़ रेजर आईपी मिश्रा से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने साफ बोल दिया है कि यह तेन्दूखेड़ा रेज में आता है
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